Rajeshwaranand Ji Ke Bhajan Lyrics

Swami Rajeshwaranand Saraswati Ji एक वरिष्ठ संत, रामकथा वाचक और भक्ति संगीत के प्रसारक रहे हैं। उनका गायन शुद्ध भक्ति, साधु वाणी और सरल जनता की भावनाओं को जोड़ता है। उन्होंने मुख्य रूप से राम-भजन, निरगुण भजन, और साधु शिक्षापरक गीत गाए हैं, जो आस्था और आध्यात्मिकता से भरे हुए हैं।

List of Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI Maharaj :>

1. Dekh Liya Sansar Humne Dekh Liya Lyrics In Hindi

2. Hey Murali Dhar Chhaliya Mohan Lyrics In Hindi

3. Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se Lyrics In Hindi




1. Dekh Liya Sansar Humne Dekh Liya Lyrics In Hindi | Rajeshwaranand Ji Ke Bhajan Lyrics

“Dekh Liya Sansar Hamne Dekh Liya” एक भावुक और जीवन की वास्तविकताओं को उजागर करने वाला भजन है, जिसमें जीवन की धोखेबाज़ी, छल, विश्वासघात और भक्ति की गहराईं का सहज वर्णन मिलता है।

इस भजन में बताई गई तथ्यपूर्ण पंक्तियाँ—

“देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया”

— यह संदेश देती हैं कि जिसने जिनसे भरोसा किया, वही हमें निराश कर देते हैं, अक्सर रिश्ते मतलब की पैमाइश में बंध जाते हैं।


देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया ।


तन निरोग धन जेब में जब तक,

मन से सेवा करोगे जब तक

मानेगा परिवार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


जिस जिस का विश्वास किया है,

उसने हमें निरास किया है

बनकर रिश्तेदार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


कही चोट लगजाये न तन को,

सभी समझते है निर्धन को

गिरती हुई दीवार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


प्रतिभा का कुछ मोल नहीं है,

सफल सिध्द अनमोल वही है

जिसका प्रबल प्रचार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


संतो का संदेश यही है

मूल मंत्र हरि ओम यही है

हरि सुमिरन है सार हमने देख लिया

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया ।



2. Hey Murali Dhar Chhaliya Mohan Lyrics In Hindi | Rajeshwaranand Ji Ke Bhajan Lyrics

“Hey Muralidhar Chhaliya Mohan, Hum Bhi Tumko Dil De Baithe” एक मधुर और भावनात्मक कृष्ण-भजन है जिसमें भक्त अपने मन, प्राण और प्यार को मुरलीधर गोविन्द यानी भगवान कृष्ण को समर्पित कर रहे हैं। भजन की ग्रामीण, चलायमान लय और सरल शब्दों ने इसे भक्ति-प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया है


हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे


हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे


गम पहल से ही काम तो ना थे

एक और मुसीबत ले बैठे


दिल कहता है तुम सुन्दर हो

आँखे कहती है दिखलाऊ

तुम मिलते नहीं हो आकर के हम

कैसे कहे देखो ये बैठे है


हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे


महिमा सुनके हैरान है हम

तुम मिल जाऊ तो चैन मिल

मन खोज के भी तुम्हे पता नहीं

तुम होकि उसी मन में बैठे


रामेश्वर राजा राम तुम्ही

प्रभु योगेश्वर घनश्याम तुम्ही

धनु धरी बने कभी मुरली बजाये

जमुना तट निर्जन में बैठे


हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे

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3. Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se Lyrics In Hindi | Rajeshwaranand Ji Ke Bhajan Lyrics

“ये काया कुटिया निराली जमाने भर से” एक सरल लेकिन गहरा कृष्ण भजन है जो शरीर (काया) को एक ‘कुटिया’ (झोपड़ी/घर) बताते हुए उसकी दस इंद्रियों और दशा का वर्णन करता है — और अंततः, श्रीराम-भक्ति में लीन होने की स्थिति को दर्शाता है।

भजन की पंक्तियाँ शरीर की इंद्रियों के माध्यम से होती हुई माया की चर्चा, फिर भक्तिएँ नाम-स्मरण की ओर ले जाती हैं — यह बताती हैं कैसे हरि-स्मरण इंद्रियों का घर (काया कुटिया) असल में परम घन होते हुए स्वर्ग बन जाता है।


काया कुटिया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


जो डूबे श्रीराम जी की मस्ती में 

चार चांद लग जाते उनकी हस्ती में


सबसे सुन्दर आँख की खिड़की

जिसमें पुतली काली जमाने भर से


काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


सुनते श्रवण नासिका सूंघे

वाणी करे बोला चाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


लेना देना ये कर करते हैं

पग चाल चले मतवाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


मुख के भीतर रहती रसना

षट रस स्वादों वाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


काम क्रोध मद लोभ मोह से

बुध्दि करे रखवाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


करके संग इंद्रियो का मन

ये बन बैठा जंजाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


इस कुटिया का नित्य किराया

स्वाश चुकाने वाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


काया कुटिया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से


FAQs – Rajeshwaranand Ji Ke Bhajan Lyrics (स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज)

Q1: स्वामी राजेश्वरानंद जी कौन हैं?

स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज एक प्रसिद्ध सनातन धर्म प्रचारक, भजन गायक और कथा वाचक हैं। वे श्रीराम, श्रीकृष्ण और सनातन संस्कृति पर आधारित भजनों के लिए व्यापक रूप से प्रसिद्ध हैं।

Q2: स्वामी राजेश्वरानंद जी के प्रसिद्ध भजन कौन-कौन से हैं?

कुछ लोकप्रिय भजन:

“ये काया कुटिया निराली जमाने भर से”

“दुखियों का साथी है नाम राम का”

“भजन करो राम नाम का”

“मन में बसाले राम को”

“बोलो राम राम राम”

Q3: स्वामी राजेश्वरानंद जी के भजन कहां सुने जा सकते हैं?

उनके भजन आप YouTube, Spotify, Apple Music, Gaana, JioSaavn और Wynk Music पर सुन सकते हैं।

YouTube चैनल: Rajeshwaranand Bhakti Sagar या Bhajan Ganga

Q4: क्या स्वामी जी कथा वाचन भी करते हैं?

हाँ, स्वामी राजेश्वरानंद जी रामकथा, भागवत कथा, शिव महापुराण, और अन्य धार्मिक ग्रंथों की संवेदनशील और आध्यात्मिक व्याख्या भी करते हैं।

Q5: स्वामी राजेश्वरानंद जी का प्रवचन किस शैली में होता है?

उनकी शैली में सरल भाषा, हास्य-विनोद, और भावनात्मक कथा का अद्भुत समावेश होता है। वो युवाओं और वृद्धों दोनों को ही भक्ति की ओर आकर्षित करते हैं।


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