Hans Pe Sawar Hoke Aaja Mori Maiya Lyrics
“Hans Pe Sawar Hoke Aaja Mori Maiya” एक अत्यंत लोकप्रिय और भक्तिपूर्ण देवी भजन है, जो विशेष रूप से शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, और दुर्गा पूजन के अवसर पर गाया जाता है। यह भजन माँ दुर्गा के दिव्य आगमन की प्रार्थना करता है — विशेष रूप से उनके हंस वाहन पर सवार होकर भक्तों के घर आने की कल्पना प्रस्तुत करता है।
भक्त इस गीत के माध्यम से माँ दुर्गा से विनती करते हैं कि वे अपने वाहन (हंस) पर विराजमान होकर उनके जीवन में पधारें और सभी दुःखों, संकटों को हरें। यह भजन देवी के सौम्य रूप, करुणा, और मातृत्व प्रेम को उजागर करता है।
Hans Pe Sawar Hoke Aaja Mori Maiya Lyrics
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
वीणा की बजैया सातों सुर के रचैया
हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया ||
हो हो हो हो
वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया
हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया ||
बिनती हज़ारी तोरा तानी सुनी हे मैया
सारदा भवानी
वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया
हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया ||
आ... आ... आ... आ...
आ... आ... आ... आ...
सा धा मा धा मा
जिकरा पे माई राउर कृपा होजाला
गुनी और ज्ञानी बानी जग में पुजाला
स्वर में तू जिकरा समां जालु माई
सुर सरगम के ओह ज्ञाता कहाला
मुर्खा भी बन जाला ज्ञानी सुनी हे मैया
सारदा भवानी
वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया
हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया ||
सूरदास कालीदस के कवी बनइलू
बाल्मीकिजी से तू रामायण लिखवाइलु
हो हो हो हो
रामचरितमानस के करदिहले रचना
तुलसी के जब तू कलम में समाइलु
कहबानु कितना बखानी सुनी हे मैया
सारदा भवानी
वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया
हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया ||
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